अध्याय इक्कीस - गोपियों द्वारा कृष्ण के वेणुगीत की सराहना (10.21)
1 श्रील शुकदेव गोस्वामी ने कहा: इस तरह वृन्दावन का जंगल स्वच्छ शारदीय जलाशयों से पूरित था और स्वच्छ जलाशयों में खिले कमल पुष्पों की सुगन्ध वाली वायु से शीतल था। अपनी गौवों तथा ग्वालसखाओं समेत अच्युत भगवान ने उस जंगल में प्रवेश किया।
2 वृन्दावन के सरोवर, नदियाँ तथा पर्वत पुष्पित वृक्षों पर मँडराते उन्मत्त भौरों तथा पक्षियों के समूहों से गुंजरित हो रहे थे। मधुपति (श्रीकृष्ण) ने ग्वालबालों तथा बलराम के संग उस जंगल में प्रवेश किया और ग