अध्याय सत्रह -- कालिय का इतिहास (10.17)
1 [इस प्रकार कृष्ण ने कालिय की प्रताड़णा की उसे सुनकर] राजा परीक्षित ने पूछा: कालिय ने सर्पों के निवास रमणक द्वीप को क्यों छोड़ा और गरुड़ उसीका इतना विरोधी क्यों बन गया?
2-3 श्रील शुकदेव गोस्वामी ने कहा: गरुड़ द्वारा खाये जाने से बचने के लिए सर्पों ने पहले से उससे यह समझौता कर रखा था कि उनमें से हर सर्प मास में एक बार अपनी भेंट लाकर वृक्ष के नीचे रख जाया करेगा। इस तरह हे महाबाहु परीक्षित, प्रत्येक मास हर सर्प अपनी रक्षा के मूल्य के रूप में विष्णु के शक्तिशाली व