अध्याय इक्कीस – भरत का वंश (9.21)
1 श्रील शुकदेव गोस्वामी ने कहा: चूँकि मरुतगणों ने भरद्वाज को लाकर दिया था इसलिए वह वितथ कहलाया। वितथ के पुत्र का नाम मन्यु था जिसके पाँच पुत्र हुए – बृहत्क्षत्र, जय, महावीर्य, नर, तथा गर्ग। इन पाँचों में से नर के पुत्र का नाम संकृति था।
2 हे महाराज परीक्षित, हे पाण्डु के वंशज, संकृति के दो पुत्र थे – गुरु तथा रन्तिदेव। रन्तिदेव इस लोक में तथा परलोक दोनों में ही विख्यात हैं क्योंकि उनकी महिमा का गान न केवल मानव समाज में अपितु देव समाज में भी होता है।
3-5 रन्तिदेव