भगवद्गीता यथारूप 108 महत्त्वपूर्ण श्लोक
अध्याय सात भगवदज्ञान
वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुन ।
भविष्याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्चन ॥ 26 ॥
वेद– जानता हूँ;अहम्– मैं;समतीतानि– भूतकाल को;वर्तमानानि– वर्तमान को;च– तथा;अर्जुन– हे अर्जुन;भविष्याणि– भविष्य को;च– भी;भूतानि– सारे जीवों को;माम्– मुझको;तु– लेकिन;वेद– जानता है;न– नहीं;कश्चन– कोई।
भावार्थ : हे अर्जुन! श्रीभगवान् होने के नाते मैं जो कुछ भूतकाल में घटित हो चुका है, जो वर्तमान में घटित हो रहा है और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हूँ। मै