सब काल ईश की प्यारी, जय एकादशी तुम्हारी
सकल तिथिन की तुम हो रानी, वेद पुराण सबै बखानी
ब्रह्म रूप हो तुम निर्वाणी, दायक हो फल चारी
जय एकादशी तुम्हारी
उत्पन्ना, मोक्षदा स्वरूपा, सफला और पुत्रदा रूपा
नाम षडतिला परम अनूपा, जया नाम अघहारी
जय एकादशी तुम्हारी
विजया आमल की कहलाये, पाप मोचनी पाप नसावै
तू प्रमा पद्मा हो जावे, आवागमन विदारी
जय एकादशी तुम्हारी
बरूथनी है तेरो नामा, तथा मोहिनी अपरा श्यामा
सकल कामना कारी
जय एकादशी तुम्हारी
तू ही योगिनी, तू हरि शयनी, तथा पवित्रा पातक वहनी,
व्रत कर नारी सकल फल पावे, अजा नाम अ