क्रोध मतलब खतरा
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श्रीमद् भगवद्गीता के १६वे अध्याय के चौथे श्लोक में आसुरी प्रकृति को समझाते हुए भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि,
दम्भो दर्पोऽभिमानश्र्च क्रोधः पारुषयमेव च। अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ सम्पदमासुरीम्।।
हे पृथापुत्र दंभ, दर्प, अभिमान, क्रोध, कठोरता तथा अज्ञान ये आसु
