Chaitanya Gatha: A poetic narration of Mahaprabhu's lifesketch
(श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु नित्यानंन्द, श्री अद्वैत गदाधर श्रीवासादि गौर भक्तवन्द)
हरे कृृष्ण, हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,हरे राम, हरे राम राम राम हरे हरे
श्री चैतन्यगाथा महामहिम भगवान महाप्रभु को मैं शीश नवाता हूँ ।श्री चैतन्य महाप्रभु की महिमा महान
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