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  • Is narayana another name for garbodaksai vishnu?
  • Hare Krishna, Prabhuji,

    dandavat

    श्री कृष्ण ही भगवान हैं, जिनके तीन पुरुष अवतार हैं | सर्व प्रथम कारणोंदक विष्णु (महाबिष्णु) जिनके उदर में समस्त ब्रह्माण्ड हैं तथा प्रत्येक श्वास चक्र के साथ ब्रह्माण्ड प्रकट तथा विनिष्ट होते रहते हैं | दूसरा अवतार है; गर्भोदकशाई विष्णु जो प्रत्येक ब्रह्माण्ड में प्रविष्ट करके उसमे जीवन प्रदान करते हैं तथा जिनके नाभि कमल से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए | तीसरे अवतार हैं क्षीरोदकशाई विष्णु जो परमात्मा रूप में प्रत्येक जीव के हृदय में तथा श्रृष्टि के प्रत्येक अणु में उपस्थित हो कर श्रृष्टि का पालन करते हैं (CC.मध्य लीला 20.251)| जिनके श्वास लेने से ही अनन्त ब्रह्मांड प्रवेश करते हैं तथा पुनः बाहर निकल आते हैं, वे महाविष्णु कृष्ण के अंशरूप हैं | अतः मै गोविंद या कृष्ण की पूजा करता हूँ जो समस्त कारणों के कारण हैं (ब्रह्म संहिता 5.48) |

    कृष्ण स्वांश नारायण (विष्णु) से भी श्रेष्ठ हैं क्योंकि उनमे 4 विशेष दिव्य गुण हैं: उनकी अद्भुत लीलायें, माधुर्य-प्रेम के कार्यकलापो में सदा अपने प्रिय भक्तों से घिरा रहना (यथा गोपियाँ), उनका अद्भुत सोन्दर्य तथा उनकी बाँसुरी की अद्भुत ध्वनि (CC.मध्य लीला 23.82-84) | भगवान कृष्ण लक्ष्मी के मन को भी आकृष्ट करते हैं | लक्ष्मी जी ने रासलीला में सम्मलित होने के लिए कठिन तपस्या की, लेकिन शामिल नहीं हो पाई क्योकि गोपियों के भाव/शरीर में ही रास लीला में प्रवेश किया जा सकता था | जब गोपियाँ रास लीला के समय कृष्ण को ढूँढ रही थी तो कृष्ण एक बगीचे में नारायण के चतुर्भुज रूप में प्रकट हो गए किन्तु वे गोपियों की प्रेमदृष्टि को आकृष्ट नहीं कर पाए, इससे कृष्ण की सर्वोत्कृष्टता सिद्ध होती है (CC.मध्य लीला 9.147-149) |

    हरे कृष्णा

    • Very Well Explained Prabhuji.......... Hari Bolllllllllllllllllllllllll

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