श्री गीता-सुगीता
(श्री गीतोपनिषद्)
सम्पूर्ण एवं अखण्ड श्रीमद्भगवद्गीता
संस्कृत संस्करण का यथारूप
हिन्दी काव्य-रूपान्तरण
अध्याय बारह
भक्तियोग
(१)
अर्जुन उवाच-
अर्जुन ने भगवान् से पूछा प्रश्न यथेष्ठ ।
दो श्रेणी के भक्त में कौन अधिकतम श्रेष्ठ ।।
एक निरन्तर आप की सेवा में संलग्न ।
परमेश्वर साकार की भजन ध्यान में मग्न ।।
दूजा वह जो पूजता अविनाशी, अव्यक्त ।
निराकारभय रूप की उपासना में व्यस्त ।।
(२)
श्री भगवानुवाच-
श्री भगवान् वर्णन किए लक्षण सिद्ध सुजान ।
उनके क्या कर्तव्य हैं उनकी क्या पहचान ।।
मेरे रूप साकार में एक च