ved pathak's Discussions (7)

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पवित्र नाम की शक्ति

एक बार अकबर और उनके मंत्री बीरबल जंगल के रास्ते से जा रहे थे। लम्बी दूरी की यात्रा करके वे इतने थक गए तो उन्होंने एक पेड़ के नीचे बैठने का निश्चय किया। लम्बी यात्रा के पश्चात उनको भूख लगी तब अकबर ने बीरबल को कहा, "बीरबल चलो देखते हैं पास में कोई नगर ह

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भगवन के दास का दास बनने की महिमा

आप सभी को हरे कृष्णा, 

एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को प्रणाम ज़रूर करता था।

एक दिन किरात संत से बोला की मैं तो मृग का शिकार करता हूँ,आप किसका शिकार करने जंगल में बैठे हैं.? संत बोले - श्री कृष

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नारद मुनि और शिकारी मृगारी


एक बार देवर्षि नारद मुनि भगवान से मिलने बैकुंठ गए। उसके पश्चात वे त्रिवेणी संगम (प्रयाग इलाहबाद) में पवित्र स्नान किये। त्रिवणी जहाँ तीनो पवित्र नदियों का संगम अर्थात गंगा जी, जमुना जी और सरस्वती जी का मिलाप होता है।
स्नान करने के पश्चात वे जंगल के र

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पूर्ण विश्वास

हरे कृष्ण

एक बार एक नगर में जहाँ अत्यंत ही सूखा पड़ा था जहाँ कई वर्षों से वर्षा नहीं हो रही थी, लोंगो ने बैठक बुलाई और सभी ने निश्चय किया की हमे यज्ञ करना चाहिए।

सभी ने एक दूसरे के विचार की सहमति जताकर एक दिन निश्चित किया और सभी उपस्थित होकर यज्ञ करने ल

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प्रभु श्री राम और केवट

Hare Krishna to all,

क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेष शैया पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मी जी उनके पैर दबा रही हैं। विष्णु जी के एक पैर का अंगूठा शैया के बाहर आ गया और लहरें उससे खिलवाड़ करने लगीं।

क्षीरसागर के एक कछुवे ने इस दृश्य को देखा और मन में यह

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कृष्ण सेवा

हरे कृष्ण माताजी एवं प्रभुजी ,

हम भगवान के अंश होने के कारण हमेशा किसी न किसी की सेवा करते हैं। सेवा करना हमारा स्वाभाव है क्यूंकि अंशी को अंश की सेवा करनी होती है। अगर हम किसी इंसान की सेवा नहीं करते तो कुत्ते अथवा बिल्ली पाल लेते हैं।
पर यहाँ सेवा ह

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