Daily number of rounds of Hare Krishna mahamantra.
16 rounds
When, where and how did you come into contact with the Hare Krishna Movement?
My brother is a devotee at ISKCON JUHU
Name the nearest or most frequently Visited ISKCON temple/ centre and name few of the devotees whom you know.
ISKCON TEMPLE PUNE(CAMP,Tarapor road)
Please describe yourself so that other like minded devotees can find you.
I am an M.Sc B.ed ..I am a teacher.I have a 6 yrs old daughter. The only reason i have joined this site is for communicating with the devotees of my beloved lord SHRI KRISHNA.....and to improve my KRISHNA CONSCIOUSNESS.
What are your expectations from this community?
to take me more closer towards LORD SHRI KRISHNA....
Describe any specific service you would love to offer to Lord Krishna & His devotees?
Writing For Btg Magazine
Comments
please accept my humble obiesances.
we would like to invite you to join our vaishnava group
http://www.iskcondesiretree.net/group/hhbhakticaruswami
A really successful person is a person who sees a positive oppurtunity in any situation of life even in the darkest tragedies and traumas.
—Radhanath Swami
हमे साँवरे से मुहब्बत बहुत हैं
हमे तेरे चरणों से उल्फत बहुत हैं
कभी हमको मोहन देखा किया कर
रस प्रेम का बनके प्रेमी पिया कर
मेरी दिल में तेरी तड़पन बहुत हैं
देना दिलासा हमे श्यामसुंदर
आकर के रहना मन तेरा मन्दिर
क्या कारण हैं तुमको गफलत बहुत हैं
कमल नैनों वाले इधर भी चला आ
या यह ही बता दे हम से अब गिला क्या
क्या अपनी ही प्यारो से नफरत बहुत हैं
'हरिदासी' मोहन का पल्ला न छोडे
हम तो यह पीला पीताम्बर न छोडे
तुम जो करो हमको उल्फत बहुत हैं
http://lh6.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SoA4Rhl3SmI/AAAAAAAAAVI/wiBGGCiTE...
बन में बिहारी बैठ,बंसी बजावे
बंसी बजावे लाल बंसी बजावे
पक्षी के पर उड़ नहीं पावे
गिरत परत मोहन डिग आवे
मृग कलोले करना भूले
इकटक लखत पलक न झपावे
मोहिनी मोहन दार गए हैं
सखी हमको नहीं चैन न आवे
वृक्षण की डालन बहु झूमे
बिहारी जू लाली को झूला झुलावे
सुध बुध भूले याद न आवे
नन्द नंदना जब नैन मिलावे
'हरिदासी' टोना करि डारा
बार बार यमुना तट जावे
http://lh3.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SoFWdC55gpI/AAAAAAAAAVQ/BPlblD0NR...
मेरे श्याम मुखडा कहे को मोडा
मोहब्बत ने हमको कही का न छोडा
दोनों तरफ से मारे गए हम
कोई भी रास्ता तुमने न छोडा
मेरे गम की कोई बात करो न
मंजिल में आकर के राही को मोडा
मेरे जख्म पे कोई दवा न लगाना
मेरे प्यारे ने चौरस्ते पे छोडा
दुनिया पे हमको भरोसा नहीं हैं
दुनिया के मालिक ने क्या कर के छोडा
मेरे साथ कोई भी बातें करो न
दिल ले गया हैं सांवल सलोना
मेरी इस दशा पे हसना न कोई
मोहन ने समझा हैं हमको खिलौना
'हरिदासी' कुछ भी गिला न करेंगे
पता भी न चला वोह कर गया टोना
बलिहारी जाऊ मेरी छोड़ गगरी
श्याम सांवरे मेरी छोड़ गगरी
इस गगरी में जल भर लाऊ
ठाकुर के मैं चरण धुआऊं
खाने को दू मैं प्यारी रबडी
इस गगरी में ढूध भर लाऊ
प्रेम से श्याम को भोग लगाऊ
मोहे प्यारी लागे तेरी गोकुल नगरी
इस गगरी में माखन भरुंगी
श्याम के आगे जाके धरुँगी
वृन्दावन धाम हैं प्यारी नगरी
'हरिदासी' बृजराज कन्हैया
नाचत निधिवन थैया थैया
चरणों में रहे तेरी प्रेम पगली
नन्द का दुलारा,आँखों का तारा
डूबते को जैसे मिलता किनारा!!!
हम दीन हैं,दीनबन्धु तुम्ही हो,
गुनाहगार हम, करुणासिन्धु तुम्ही हो,
तुम बिन कहा जाए,निर्धन बेचारा
तुम बंसीधर हम बंसी तुम्हारी
तुम्हे याद करती हैं राधा तुम्हारी
दर्शन दिया तूने घनश्याम प्यारा प्यारा
'हरिदासी' गाती हैं गुणगान तेरा
सभी को सुनती हैं यशगान तेरा
जो भी हैं मेरा,सभी हैं तुम्हारा