हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्ग जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम् ।तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥हे कुन्तीपुत्र! तुम यदि युद्ध में मारे जाओगे तो स्वर्ग प्राप्...
भगवद गीता 2.37
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