हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्ग जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम् ।तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥हे कुन्तीपुत्र! तुम यदि युद्ध में मारे जाओगे तो स्वर्ग प्राप्...
भगवद गीता 2.37
Views: 233
You need to be a member of ISKCON Desire Tree | IDT to add comments!
Comments