Gender
Male
Vrindavan, Mathura (U.P.)
Birthday: December 8
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Gender
Male
Location
Vrindavan, Mathura (U.P.)
Birthday:
December 8
Daily number of rounds of Hare Krishna mahamantra.
08
Name the nearest or most frequently Visited ISKCON temple/ centre and name few of the devotees whom you know.
Krishna Balram Mandir, Vrindavan, U.P., INDIA Sri Radha Govind Maharaj ji Sri Hari Vijay Prabhu ji Sri Nritya Gopal Prabhu ji Sri MakhanChor prabhu ji
Describe any specific service you would love to offer to Lord Krishna & His devotees?
Contributing Audios, Composing images, Writing For Btg Magazine
Comments
May krishna and radharani bless you
Wish you a very happy KC b'day, May lord Sri Krsna & Smt. Radha Rani blessed you always. & I wish you never take birth again in this material world.
Hari Bol
Who is tht liitle angel....
Hari Bol....
http://lh6.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SoA4Rhl3SmI/AAAAAAAAAVI/wiBGGCiTE...
बन में बिहारी बैठ,बंसी बजावे
बंसी बजावे लाल बंसी बजावे
पक्षी के पर उड़ नहीं पावे
गिरत परत मोहन डिग आवे
मृग कलोले करना भूले
इकटक लखत पलक न झपावे
मोहिनी मोहन दार गए हैं
सखी हमको नहीं चैन न आवे
वृक्षण की डालन बहु झूमे
बिहारी जू लाली को झूला झुलावे
सुध बुध भूले याद न आवे
नन्द नंदना जब नैन मिलावे
'हरिदासी' टोना करि डारा
बार बार यमुना तट जावे
http://lh3.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SoFWdC55gpI/AAAAAAAAAVQ/BPlblD0NR...
मेरे श्याम मुखडा कहे को मोडा
मोहब्बत ने हमको कही का न छोडा
दोनों तरफ से मारे गए हम
कोई भी रास्ता तुमने न छोडा
मेरे गम की कोई बात करो न
मंजिल में आकर के राही को मोडा
मेरे जख्म पे कोई दवा न लगाना
मेरे प्यारे ने चौरस्ते पे छोडा
दुनिया पे हमको भरोसा नहीं हैं
दुनिया के मालिक ने क्या कर के छोडा
मेरे साथ कोई भी बातें करो न
दिल ले गया हैं सांवल सलोना
मेरी इस दशा पे हसना न कोई
मोहन ने समझा हैं हमको खिलौना
'हरिदासी' कुछ भी गिला न करेंगे
पता भी न चला वोह कर गया टोना
बलिहारी जाऊ मेरी छोड़ गगरी
श्याम सांवरे मेरी छोड़ गगरी
इस गगरी में जल भर लाऊ
ठाकुर के मैं चरण धुआऊं
खाने को दू मैं प्यारी रबडी
इस गगरी में ढूध भर लाऊ
प्रेम से श्याम को भोग लगाऊ
मोहे प्यारी लागे तेरी गोकुल नगरी
इस गगरी में माखन भरुंगी
श्याम के आगे जाके धरुँगी
वृन्दावन धाम हैं प्यारी नगरी
'हरिदासी' बृजराज कन्हैया
नाचत निधिवन थैया थैया
चरणों में रहे तेरी प्रेम पगली
निगाहों में यूँ बात होने लगी
प्यार की ही बरसात होने लगी
मेरे होंठो पे बसा श्याम ही श्याम हैं
कैसे कह दूँ? उन्ही से हमे काम हैं
अब उन्ही से मुलाकात होने लगी
छवि मोहन की नैनो में हैं बस गयी
आँखों में राधारानी हैं सज गयी
हर पल उनसे ही बात होने लगी
'हरिदासी' हैं उल्फत तो वोह पास हैं
प्यार से मिलता मोहन यही राज हैं
दीखता कण कण में, अब बात होने लगी
कितना नसीब होता वोह सामने ही होता
वोह साँवरा मुरारी,मेरे करीब होता
मिट्टी में आँसू जो गिरे सब देखते रहे
अछा ही होता-पोंछने वाला भी साथ होता
उनके ही राज में हम,महफिल में बेठे हैं
कितना ही अछा होता,जो देख लिया होता
सुना हैं करुना से भरा दिल हैं हजूर का
क्या जाता आपका,जो दिल से लगाया होता
आपकी चुप से समझा,के जमाना भी बुरा हैं
अछा ही होता जो हमे,दिला में छिपाया होता
बोलो जरा तो मोहन,'हरिदासी' अर्ज पे
मीठा सा कुछ बोल के,कुछ हँस दिया होता