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 Topics by Padmavati Mataji.

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Comments

  • Gp Gs1.short film-गोलोकधाम का दर्शन ब्रह्मादि देवों द्वारा -
    Garg samhita -pg 18-20,adhyay 2

    श्री नारद जी कहते हैं-

    ब्रह्मा जी के इस प्रकार कहने पर परिपूर्णतम भगवान विष्णु ने संपूर्ण देवताओं सहित ब्रह्मा जी को ब्रह्मांड - शिखर पर विराजमान गोलोक धाम दिखाया।

    वामन जी(5th avtar)के बाएं पैर से ब्रह्मांड के
    शिरोभाग(ऊपर) का भेदन(छेदन) हो जाने पर जो छिद्र (Hole)हुआ वह ब्रह्म द्रव ,नित्य(continual)
    अक्षय (अविनाशी)नीर (pani), से परिपूर्ण था|

    सब देवता उसी मार्ग से वहां के लिए नियत (Fixed)
    जलयान द्वारा वहां से बाहर निकले।

    वहां ब्रह्मांड के ऊपर पहुंचकर उन सब ने नीचे की और उसे ब्रह्मांड को कलिंगबिम्ब (कडुआ गोल कद्दू) तुम्बे की भांति देखा।

    Pg19-
    1.वहां( गोलोक में )गोवर्धन नमक गिरिराज शोभा पा रहे थे ।
    2.गिरिराज का वह पर्वत उस समय बसंत का उत्सव मनाने वाली गोपियों और गौ से गिरा हुआ था
    3.कल्पवृक्षों तथा कल्पलताओं के समूदायों से सुशोभित था।
    4.और रासमंडल उसे अलंकृत कर रहा था।
    5.वहाँ श्याम वर्ण वाली उत्तम यमुना नदी स्वच्छंद गति से बह रही है।
    6. तट पर बने हुए करोड़ों प्रसाद, इसकी शोभा बढ़ाते हैं
    7.तथा उस नदी में उतारने के लिए वैदूर्यमणि की सुंदर सीढ़ियां बनी हैं।
    8. वहां दिव्य वृक्षों और लताओं से भरा हुआ वह 'वृंदावन' अत्यंत शोभा पा रहा है।
    9. भांति भांति के विभिन्न पक्षियों, भ्रामरों तथा वंशीवट के कारण वहां की सुषमा( सुंदरता )और बढ़ रही है,
    10. वहां सहस्त्र(हज़ार)दल कमलों के सुगंधित परागों चारों ओर पुणः पुण: (बार बार)बीखेरती हुई शीतल वायु मंद गति से बह रही है।
    11. वृंदावन के मध्य भाग में 32 वनों से युक्त एक निज (अपना)निकुंज है।
    12. चहार दिवारियां और खाइयाँ उसे सुशोभित कर रही हैं।
    13. उसके आंगन का भाग लाल वर्ण में अक्षय(amar) वटों(बरगद का पेड़) से अलंकृत है।
    14. पद्मारागादि (एक रत्न जिसकी गिनती नौ रत्नों में होती है),सात प्रकार की माणियों से बनी दीवारें और आंगन के फर्श बड़ी शोभा पाते हैं।
    15. करोड़ों चंद्रमाओं के मंडल(गोलाई)की छवि धारण,
    करने वाले चँदोवे(मंडप)उसे अलंकृत कर रहे हैं तथा उन्मे चमकीले गोले लटक रहे हैं।
    16.फहराती हुई दिव्य पताकाएँ एवं खिले हुए फूल मंदिरों एवं मार्गो की शोभा बढ़ाते हैं।
    17. वहां भ्रमरों के गुंजराव , संगीत की सृष्टि, करते हैं।
    18. तथा मत(मस्त)मयूरों और कोकिलों(कोयल)
    के कलरव(कोमल या मंद मधुर ध्वनि) सदा श्रवणगोचर सुने जा सकते हैं ) होते हैं ।
    19. वहाँ बाल सूर्य के सदृश कान्तिमान् अरुण-(गहरा लाल रंग)पीत कुण्डल(कान की बाली)धारण करने वाली लल्लाएं शत शत (सौ सौ) चंद्रमाओं से गौर वर्ण से
    उद्भासित( प्रकाशित) होती हैं।
    11. स्वच्छंद गति से चलने वाली वे सुंदरिया मणिरत्नमय भिभित्तियों( दीवार के चित्रों में )में अपना मुख देखती हुई वहां के रत्नजटित आंगनों में भागती फिरती हैं।
    12. उनके गले में हार और और बाहों में केयूर(keyur. पुल्लिंग -बाजूबंद)शोभा देते हैं।
    13. नूपुरों( पायल) तथा कमरधनी की मधुर झनकार वहां गूंजती रहती है ।
    14. वे गोपीनाएँ मस्तक पर चूड़ामणि धारण किए रहती हैं।
    15. वहां द्वार द्वार पर कोटि-कोटि(करोड़) गौओं के दर्शन होते हैं ।
    16.वे गौएँ दिव्य आभूषणों से विभूषित हैं और श्वेत पर्वत के समान प्रतीत होती हैं।
    17. सबकी सब दूध देने वाली तथा नई अवस्था में हैं।
    18. सुशीला,सुरुचा,तथा सद्गुनवती हैं।
    19. सभी सवत्सा( बच्चों के साथ )और पीली पूँछ की हैं।

    Pg 20.
    20. ऐसी भव्य रूप वाली गौएँ वहाँ सब और विचार रही हैं।
    21. उनके घंटों तथा मंजीरों से मधुर ध्वनि होती रहती। है।
    22.किंकीनी (घुंघरू )जालों से, विभूषित उन गौओं के
    सिंहों में सोना मढा(चढा) गया है।
    23. वह सुवर्ण तुल्य हार एवं मालाएँ धारण करती हैं।
    24. उनके अंगों से प्रभा छिटकती रहती हैं।
    25. सभी गौएँ भिन्न-भिन्न रंग वाली है- उजली काली पीली ,लाल, हरी, कोई तांबे कोई चितकबरे(धब्बेदार) रंग की।
    26. किन्हीं किन्हीं का रंग धुएं जैसा।
    27. बहुत सी कोयल के रंग वाली है।
    28. दूध देने में समुद्र की तुलना करने वाली गायों के शरीर पर तरुनियों(जवान स्त्री) के कर्चिन्ह शोभित हैं,
    अर्थात युवतियों के रंगीन छापे दिए गए हैं।
    29. हिरण के समान चलांग भरने वाले बछड़ों से अधिक उनकी शोभा बढ़ गई है।
    30.गायों के झुंड में विशाल शरीर वाले साँढ भी इधर-उधर घूम रहे हैं।
    31.उनकी लंबी गर्दन और बड़े-बड़े सिंह हैं।
    32.उन साढों को साक्षात् धर्म धुरंधर
    (dhurandhar-श्रेष्ठ)कहा जाता है।
    33.गौओं की रक्षा करने वाले चरवाहे(ग्वाला)भी अनेक हैं।
    34. दूसरों के हाथ में सुंदर बांसुरी शोभा पाती हैं।
    35. उन सबके शरीर का रंग श्यामल है।
    36.वे भगवान श्रीकृष्णचन्द्र की लीलाएँ एसे मधुर स्वरों में गाते हैं कि उसे सुनकर कामदेव भी मोहित हो जाता है[31-48]
    37. इस दिव्य निज निकुंज को संपूर्ण देवताओं ने प्रणाम किया और भीतर चले गए।
    38. वहां उन्हें हजार 1000 दल(झुंड)वाला एक कमल दिखाई पड़ा।
    39. वह ऐसा सुशोभित था मानो प्रकाश का पुंज(समूह) हो।
    39. उसके ऊपर एक 16 दल का कमाल है, तथा उसके ऊपर भी एक आठ दलवाला का कमाल है।
    40. उसके ऊपर चमचमाता हुआ एक ऊंचा सिंहासन है।
    41.तीन सीढीओं से संपन्न हुआ वह परम सिंहासन कौस्तुभ माणियों से जटित होकर अनुपम(सर्वोत्तम)शोभा पता है।
    42. इस पर भगवान श्रीकृष्णचंद्र श्रीराधाजी के साथ विराजमान हैं ।
    43. ऐसी झांकी उन समस्त देवताओं को मिली।
    44. वे युगल रूप भगवान मोहिनी, आदि आठ दीव्य सखियों से समन्वित(संयुक्त) तथा श्रीदामा प्रभृति(आरंभ)आठ गोपालों के द्वारा सेवित हैं।
    45.उनके ऊपर हंस के समान सफेद रंग वाले पंखे झले जा रहे हैं,
    46.और हीरों से बनी (पकड़ने वाले) चँवर (सुरा गाय की पूँछ के बालों का गुच्छा जो काठ, सोने, चाँदी आदि की डाँड़ी (डंडी)में लगा रहता है) डुलाए जा रहे हैं।
    47.भगवान की सेवा में करोड़ों ऐसे छत्र प्रस्तुत हैं जो कोटी(कड़ोड़)चंद्रमा के प्रभाव से तूलित हो सकते हैं।
    48.भगवान श्री कृष्ण के वामभाग में श्री राधा जी से विराजित उनकी बायीं भुजा सुशोभित हैं।
    49. भगवान् ने स्वेक्षा पूर्वक अपने दाहिने पैर को टेढ़ा कर रखा है।
    50. वे हाथ में बाँसुरी धारण किए हुए हैं।
    51. उन्होंने मनोहर मुस्कान से भरे मुख मंडल और भ्रुकुटी(भौंह)विलास(प्रेम हावभाव) से अनेक कामदेव को मोहित कर रखा है।
    52.उन श्री हरि के मेघ के समान श्यामल कांति है।
    53. कमल दल की भांति बड़ी विशाल उनकी आंखें हैं।
    54.घुटनों तक लंबी बडी़ भुजाओं वाले वे प्रभु अत्यंत पीले वस्त्र पहने हुए हैं।
    55.भगवान गले में सुंदर वनमाला धारण किए हैं,
    जिस पर वृंदावन में विचरण करने वाले मतवाले भ्रामरों की गूंजर हो रही है।
    56.पैरों में घुंघरू और हाथों में कंकण(चूड़ा) की छता छिटका रहे हैं ।
    57. अति सुंदर मुस्कान मन को मोहित कर रही है।
    58. श्रीवत्स (श्री की प्रिय)का चिन्ह , बहुमूल्य रत्न से बने हुए किरीट(मुकुट), कुंडल, बाजूबंद और यथास्थान भगवान की शोभा बढ़ा रहे हैं।
    59. भगवान श्री कृष्ण के ऐसे दिव्य दर्शन प्राप्त कर संपूर्ण देवता आनंद के समुद्र में गोते खाने लगे।
    60. अत्यंत हर्ष के कारण उनकी आंखों के आंसूओं की धारा बह चली।
    61. तब संपूर्ण देवताओं ने हाथ जोड़कर विनीत(विनम्र)भाव से उन परम पुरुष श्रीकृष्णचंद्र को प्रणाम किया।49-57।
  • 1.ARDHRADHEKRISHN's COLORFUL LIGHTS GITA RAASLOK GOLOK VRINDAVAN PARAMDHAM 100% JOY SOUL WORLD LE CHALIYE SABKO ABI,N END MTRL UNIVERSE NOW! Enough!
    Rkji,Cook,clean,out,earn n old age,religions,etc karmbandhans n bhautiki khatm karen sabke abi!
    OR
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    3.Til r Raaslok vapsi-PLZ MAKE A.I VFX-GOLOK RAAS,ETC LILAS VDO/FILM better than star bharat, N PLZ GV ME THIS ONLINE VDO,LYRICS N SCRIPT EDITING PHONE JOB
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    Other's Golok vs vaikunth vdos-
    https://youtu.be/HGqCzu3kQrU
    https://youtu.be/qWmbJFG6Leg

    Pranami pdham
    https://youtu.be/VkMPr8M7EeA

    Kash Krishn ye kar chuke hote-
    (Bapuji dashrath patel - https://youtu.be/f5SnnMu1gI4
    1.no nark n yamraj sys nw ,
    2.param light tatv paramdham in al plc.
    Sabhi devi devta abi girke insan ban chuke hain dharti par power loose karke isliye unke mantras work nai karte(evn in my nightmares n sleep paralysis,etc)!
    Plz shivji,end mtrl nw by getting in to sun kaal agni ac to bapuji patel yt vdo ,after krishn takes us back to golok joys not repulsive sewas as b4 as said by iskcon tht we r das 😢 n not his kids)

    Vishnupuran-sa vidya Ya muktye
    जिसके पास विद्या है उसी को मुक्ति.

    2024 fests-

    Flowers holi-25march
    Ramnavmi-17apl
    Dad day-16june
    Ekadashi-18june
    Rakhi-19aug
    Janmashtmi-Mon, 26 Aug
    Radhashtmi-Wed, 11 Sept, 2024
    Onam-15sep
    Navaratri-Thu,3 Oct– Sat,12 Oct,
    Sharad purnima garba dandiya- 16oct
    Sumedh's bday-2nov1996
    Bhai dooj-11nov
    International Men's Day-19Nov, tue
    Assam-Ras lila nov-dec,
    Xmas-25dec
    Sitaram wed-dec
  • N more 30 my goloka lyrics n vdo edits in my below comment link.
  • 2.Raslok maharas lyrics2-

    स्वर्ग की धुनदुबिया(kind of drum), अपने आप बज उठती हैं,
    स्वर्गीय पुष्पों की वर्षा होने लगती हैं।
    गंधर्व गन पत्नियों के साथ राधाकृष्ण सीतेराम का निर्मल यशगाण करते हैं।

    रासमंडल में अर्धराधेकृष्ण के साथ सभी गोप गोपियां प्रियतमा सुंदरता से नृत्य करते हैं।
    उनकी कलाइयों के कंगन ,पैरों के पाजेब ,कमरधनियों के छोटे-छोटे घुंगरू बज उठते हैं।
    असंख्य गोपिया सखी हैं इसीलिए यह मधुर ध्वनि भी जोर की होती हैं।
    रासलोक के विरजा नदी के रमन रेती पर
    व्रज के सुंदर आत्माओं के बीच में अर्ध राधे कृष्ण की बड़ी अनोखी शोभा होती है।
    जैसे अनगिनत पीली पीली दमकती मणियों के बीच में नील मणि चमकती हो।
    गोप गोपिया ठुमक ठुमक कर कभी पैर आगे करते तो कभी पीछे करते हैं।
    गति के अनुसार धीरे-धीरे पाव रखते हैं ,
    कभी वेग तेज़ी से चाक पहिए की तरह घूम जाते हैं।
    दोनों हाथ उठाकर भाव बताते हैं,
    कभी विभिन्न प्रकार से उन्हें चमकाते हैं।
    बड़े कलापूर्ण ढंग से मुस्कुराते हैं,
    भौंहें मटकाते हैं।
    नाचते नाचते उनके पतले कमर लचकते हैं।
    वे फुर्ती से झुकते बैठते उठते चलते हैं,
    उनके वस्त्र भी नाचते हैं।
    कानों के कुंडल हिलहिल के गालों पर आते हैं।
    केशों की चोटियां कुछ ढीली पड़ जाती हैं।

    इस प्रकार नटवर नंदलाल के परम प्रीयसे गोप गोपियां उनके साथ गागा कर नाचते हैं।
    मानो बहुत से कृष्ण सांवले सांवले मेघ मंडल हैं, और गोरी गोपिया चमकती बिजली हैं।
    यह शोभा असीम होती है, उनका जीवन प्रेम रति , आनंद तृप्ति है।
    वे परममातपिता स्पर्श से ऊंचे स्वर में मधुर गान करते हैं।
    अर्ध राधेकृष्णसितेराम का संस्पर्श पाकर
    और भी आनंदमग्न होते हैं।
    उनके राग रागिनियों से वह सारा रासलोक और भी गूंजता है।

    तो राधे हमें क्यों रासलीला लोक से वंचित रखा है?
    हमें क्यों इस मोह माया कर्म बंधन भौतिक दुनिया में रखा है?
    हमें भी ले चलो हमें भी गले लगाओ।
    हमें भी मिल जाओ।
    ओ राधे कृष्ण पास आके ले जाओ।

    https://youtu.be/qN6U_eEb9qo?si=e_jx0kzuSJTlCbx5

    Music: Intro
    Musician: Jeff Kaale

    Music: Last Summer
    Musician: @iksonmusic
  • 1.Anki's gp bp RASLOK MAHARAS lyrics (great couple love dance in soul world) - 33rdchap(trayastrinshodhyayah,dwitiya khand,dasham skandh maharas se inspired-

    Iksha hai,zarurat hai hamein bi ardhradhekanha,
    tumhare sath raas rachane ki apne jivansathi k sang,
    Bhautik duniya ka 5 karmbandhan karta hai anand bhang.

    Hamein adhyatmik pavitra raaslok le chalo abi uda k paramviman me,
    Hum duniya wale bi gop gopiyan jaise ,
    tum sang nritya karne ko taraste,
    Ek duje ki prem bhari sumadhur vani sunke karn pulkit karne ko taraste,
    Taki ye virahjanya taap se mukt hojaen,
    Aur saundarya madhuryanidhi
    Pranpyarepyari k sang se safal manorath hojaen.

    Hum raslok priyasi priyase,
    Baah me baah dale khade hn prem nritya se tript hone ko.
    Ham gop gopiyan ratna k sang,
    virja nadi k pulin par ,
    tum radha n humare sang rasmayi raskrira karoge.

    Hamare gop bi krishn ki kalaon aur achaiyon k sath honge,
    krishn jaise dikhenge.
    Yahi golakar kram chalega navratri garba dandiya jaise.
    Yogon k swami hame bhautik me q bheja,q 5 karmbandhans diye,
    Raslok hi q nahi?

    Parammatpita hamare gale me bi hanth dalke nacho,
    Sahastra sahastra gopiyan n hamare jodiyon k sath,
    Tum shobhaeman divya rasutsav karoge wahin.
    Is bhautiki ko khatm karo abhi,
    Asman me shat shat(100-100) vimano ki bhir lagegi tabhi.
    Apni patniyon k sath pahunchenge devta sabhi.
    Iske darshan k lalsa se utsuk unka mann nai tha vash me kahin.
    Jai raaslok!

    https://youtu.be/0eIdJz48wPg?si=EcXCuaQdZ6PVB4sd

    Music: sleigh ride
    Musician: Rook1e

    Music: Pixels
    Musician: Jeff Kaale
  • https://iskcondesiretree.com/profiles/blogs/2103886:BlogPost:2859116

    Prem Ras Madira
    Kishore! Tore charanan ki bali Jaun. Oh, Kishoriji! I sacrifice my 'everything' on Your lotus-feet. Jin yuga-charanan arunima-upama, pachihari nahin…
  • https://iskcondesiretree.com/profiles/blogs/prayer-to-god

    Prayer to God
    O Sustainer of the universe, O Commiserator of the afflicted, O Purifier of the fallen, O Almighty Lord, O Befriender of the meek, O Narayana, O Hari…
  • Hare Krishna Melody
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Prayer request for friend's departed father

Hare Krishna,I wish to request and submit my prayer for a friend's departed father. I am pursuing a B.Ed. degree and my colleague Arun Kumar's father departed the 20th of this June. Arun Kumar enjoyed Krishna prasadam whole heartedly everytime I offered him, he also accepted a Bhagavad Gita As It Is book I gave him and had started to read it. He is a leader in our college class and a smart boy who wins the heart of all our teachers. I wish to pray and also request a prayer for him at this…

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Pray for all Devotees in the world

Hare Krishna Prabhus and Mathajis,All  glories to Shri Guru and Gauranga!I humbly request you all to chant  one round of Maha Mantra every day for giivng protection to all the devotees of the lord. Many of the devotees across the Globe are facing some problems. We should strive to be selfless and pray for all the devotees by chanting Hare Krishna Maha Mantra and NARASIMHA KAVACAM.Thank YouYour Humble ServantArjun

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