GOD GRANTE ME THE SERENITY TO .........

सविनय मेरी इक विनती सुनो
कृपा करो मेरे कान्हा प्यारे
उन परस्थितियों को मैं स्वीकारूँ
जिसे मैं सुलटा न पाऊँ अपने सहारे

बल बुध्हि दे प्रयास करो सफल
जिस ओर चलना मुझे मीत न्यारे
और इतनी निर्णय शक्ति देना
कि पहचानूँ तेरी मंशा तेरे इशारे

कहाँ चलना कहाँ रुकना कहाँ झुकना
कहाँ झुकाना मुझे मार्गदर्शित रखना
मेरे जीवन नैय्या को देना दिशा
समझ के मुझे इक मीत अपना

सविनय मेरी इक विनती सुनो
कृपा करो मेरे कान्हा प्यारे
बल बुध्हि दे प्रयास करो सफल
जिस ओर चलना मुझे मीत न्यारे
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Comments

  • Oh mataji, what a poem !!!!! it has touched my heart.....
  • hARO bOL! ANOTHER BEAUTIFUL ONE!
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