बच्चों में चरित्र निर्माण

🌻🌻ॐ नमो भगवते वासुदेवाय🌻🌻
|| ज्ञान सुधा ||
छोटा बच्चा देख कर ही सीखता है। वह दूसरे को जो करते देखता है वह उसकी नकल करता है। वह देखा देखी में सबकुछ स्वयं ही सीखता जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा नैतिक बने। ईमानदार बने। चरित्रवान बने तो इसके लिए आपको भी ऐसा ही बनना होगा। नहीं तो जैसे आप हैं आपका बच्चा वैसा ही बनेगा। पिता झूठ बोले और वह यह चाहे कि बच्चा झूठ ना बोले यह कैसे संभव हो सकता है? माता-पिता गालियां दे, आपस में लड़े आपका बच्चा चरित्रवान बने यह कैसे हो सकता है? बच्चा जैसा अपने माता-पिता को देखता है अपने परिवार को देखता है वह उन्हें देख कर ही सीखता है। बच्चे को प्रारंभ में इतना ज्ञान नहीं होता वह घर परिवार मे सब कैसा करते हैं यह देख कर वह उनका अनुकरण करता है।
पिता जर्दा खाए, गुटखा खाए, सिगरेट पिए, शराब पिए, लड़ाई झगड़ा, गाली गलौज करें और बच्चा यह ना सीखे यह कैसे हो सकता है? बच्चों में आदतें कौन डालता है? अभिभावक डालते हैं. माता पिता और परिवार के बड़े लोग डालते हैं।
जो व्यक्ति यह चाहते हैं कि हमारा परिवार अच्छा रहे, चरित्रवान रहे, बे प्रारंभ से ही जागरूक रहते हैं वे यह ध्यान रखते हैं कि बच्चों के सामने वह कोई ऐसा कार्य ना करें जिससे बच्चों में कोई गलत आदतें पड़ जाए। जिस व्यक्ति का जिस समाज का चरित्र अच्छा नहीं होगा वह घर परिवार और समाज कभी उन्नति नहीं कर सकेगा। जो व्यक्ति चरित्र संपन्न नहीं होता है वह दूसरों का भी चरित्र नष्ट कर देता है।। राम
हरि शरणम।। राधे राधे।।
जय सियाराम
🌹🌹
🙏
प्रणाम
।। ॐ हरये नमः।। देवजी✍️।। राम।। 🌸।।

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