अंतिम इच्छा
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उस रात
खोया था जब मै अपने मे
श्रीहरी आये मेरे सपने मे
पूछा
वत्स......
इच्छा क्या है तुम्हारी ?
नासमझ था
सोचा
सोचकर बताऊंगा
जल्दबाजी मे
गलत चीज
पा जाऊंगा
बोला
थोडा समय दीजिये प्रभु
श्रीहरी बोले
तथास्तु..........
उनके थोड़े समय में
मेरे कई जीवन निकल गए
जब तक गलती का आभास हुआ
राह से पैर फिसल गए
जय हो श्रीला प्रभुपाद
चखाया कृष्ण नाम का स्वाद
अब फिर से मेरी कोशिश है
की जब
श्रीहरी आये मेरे सपने मे
पाए मुझे
हरिंनाम जपने मे
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उस रात
खोया था जब मै अपने मे
श्रीहरी आये मेरे सपने मे
पूछा
वत्स......
इच्छा क्या है तुम्हारी ?
नासमझ था
सोचा
सोचकर बताऊंगा
जल्दबाजी मे
गलत चीज
पा जाऊंगा
बोला
थोडा समय दीजिये प्रभु
श्रीहरी बोले
तथास्तु..........
उनके थोड़े समय में
मेरे कई जीवन निकल गए
जब तक गलती का आभास हुआ
राह से पैर फिसल गए
जय हो श्रीला प्रभुपाद
चखाया कृष्ण नाम का स्वाद
अब फिर से मेरी कोशिश है
की जब
श्रीहरी आये मेरे सपने मे
पाए मुझे
हरिंनाम जपने मे
Comments
PAMHO,AGTSP,AGTGD
Dandwats pranam Prabhuji,
Best necter in form of kavita you posted .....beauitifull
yhs
CANDRAVADANA GIRIDHARI DAS