हे गोविन्द मेरे
देखो ये माया
कैसे मुझे घेरे
कभी तन को दे पीडा
कभी मन को उलझन
चाहे दूर करना तुझसे
दूरी न हो पाए भगवन
कैसा भी हो संकट
किसी भी विपदा
तेरा नाम ही हो
मेरे होठों पे सदा.
कितना भी तडपाये मुझको माया
कितनी भी दुर्बल हो मेरी काया
महसूस करूँ मै हरपल तेरी छाया
तेरी लीलों में हो मन हर पल समाया .
इतना करना हे गोविन्द कि
मेरी भक्ति कभी न छूटे
टूटे चाहे जग के सब रिश्ते
पर मेरा रिश्ता तुझसे न टूटे
Comments
Excellent......
very nice