क्या केवल कौशल्या के लाल है राम ?
क्या केवल दशरथ के राजदुलारे है राम?
क्या केवल लखन, शत्रुघन व भरत के भ्राता है राम?
क्या केवल वशिष्ठ के शिष्य है राम?
क्या केवल अहिल्या के उदधारक है राम?
क्या केवल सीता के करुनानिधान है राम?
क्या केवल हठी केवट के तारक है राम?
क्या केवल शबरी के जूठे-बेर के भूखे है राम?
क्या केवल हनुमत के अतुलित बल के दाता है राम?
क्या केवल सुग्रीव, निषाद व विभीषण के मित्र है राम?
क्या केवल रावन व कुंभकरण के संघारक है राम?
....
राम है हर माता की चाहत।
राम है हर पिता की विडम्बना का सहारा।
राम है हर बड़े भाई का छोटे भाई के प्रति सच्चा लगाव।
राम है हर समर्पित गुरु का गौरव।
राम है हर पतित के पावन होने का कारण।
राम है हर पतिव्रता नारी की अभिलाषा।
राम है हर निष्ठित भक्त का भगवान पर अधिकार।
राम है हर साधक के भाव की भूख।
राम है हर सेवक के अतुलित बल का प्रतीक।
राम है हर मित्र की सच्ची मित्रता का उदाहरण।
राम है हर दुष्ट व आततायी का काल।
...... गोपाल मिश्र
Comments
Jai Shree Ram!
Very nice and true!