जन-जन को जो अपनी ओर कर्षित कर ले वो है कृष्ण।
जात-पात का भेद जो मिटा दे वो है कृष्ण।
दुष्ट पूतना को भी जो माँ के समान आदर दिला दे वो है कृष्ण।
जन-मानस की पीड़ा को मिटाने के लिए जो गोवर्धन का सारा
गोचारण कर जो गोमाता को देवतुल्य दर्जा दिला दे वो है कृष्ण।
विधाता को भी जो सच्चा ब्रह्मज्ञान करा दे वो है कृष्ण।
आओ हर एक के ह्रदय में कृष्ण भाव जगाये, विषय-वासना रूपी कंस का मर्दन कर मन को निर्मल बनाये।।
द्रोपदी की लाज बचाकर जो दुष्ट दुसासन को लज्जा का पात्र बना दे वो है कृष्ण।
मीरा के विष का प्याला जो अमृतमय परिणित कर दे वो है कृष्ण।
कर्म और कर्म के फल का भेद जो जन-जन को समझा दे वो है कृष्ण।
धर्म व अधर्म के बीच की धुधली लकीर को जो स्पष्ट करा दे वो है कृष्ण।
आत्मज्ञान कराने वाली गीता को जो युद्धक्षेत्र में अर्जुन को समझा दे वो है कृष्ण।
पांडवों की छोटी सी नौका को कौरवों के महासागर रूपी सेना से जो विजय दिलाकर पार लगा दे वो है कृष्ण।
आओ हर एक के ह्रदय में कृष्ण भाव जगाये, विषय-वासना रूपी कंस का मर्दन कर मन को निर्मल बनाये।।
.....गोपाल मिश्र
Comments