सारी उम्र उसे सजाया
तपती धूप
बारिस से बचाया
हंसाया ,रुलाया
जब भी रूठा
मन्नतों से मनाया
भगवान हे साक्षी
खुद से ज्यादा बहलाया
बिश्वास था मुझे
ये मेरे साथ
हर पल रहा है
स्तब्ध हू देखकर.........
............वो चिता पर जल रहा है
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