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Comments

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  • Hare Krishna....Dandavat Pranam....AGTSP>...
    Wish u and ur family very very Happy Janmastami.....
    Plz pray for me.....
    Keep in touch....
    Hare Krishna....
    Radhe Radhe....
  • hare krishna prabhu ....happy krishna janmastmi...
  • Hare Krsna Prabhu!!!
  • http://lh5.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SmX_NpmhBJI/AAAAAAAAASE/kuAliDFZ3...
    http://lh6.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SoA4Rhl3SmI/AAAAAAAAAVI/wiBGGCiTE...
    बन में बिहारी बैठ,बंसी बजावे
    बंसी बजावे लाल बंसी बजावे
    पक्षी के पर उड़ नहीं पावे
    गिरत परत मोहन डिग आवे
    मृग कलोले करना भूले
    इकटक लखत पलक न झपावे
    मोहिनी मोहन दार गए हैं
    सखी हमको नहीं चैन न आवे
    वृक्षण की डालन बहु झूमे
    बिहारी जू लाली को झूला झुलावे
    सुध बुध भूले याद न आवे
    नन्द नंदना जब नैन मिलावे
    'हरिदासी' टोना करि डारा
    बार बार यमुना तट जावे

    http://lh3.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SoFWdC55gpI/AAAAAAAAAVQ/BPlblD0NR...
    मेरे श्याम मुखडा कहे को मोडा
    मोहब्बत ने हमको कही का न छोडा
    दोनों तरफ से मारे गए हम
    कोई भी रास्ता तुमने न छोडा
    मेरे गम की कोई बात करो न
    मंजिल में आकर के राही को मोडा
    मेरे जख्म पे कोई दवा न लगाना
    मेरे प्यारे ने चौरस्ते पे छोडा
    दुनिया पे हमको भरोसा नहीं हैं
    दुनिया के मालिक ने क्या कर के छोडा
    मेरे साथ कोई भी बातें करो न
    दिल ले गया हैं सांवल सलोना
    मेरी इस दशा पे हसना न कोई
    मोहन ने समझा हैं हमको खिलौना
    'हरिदासी' कुछ भी गिला न करेंगे
    पता भी न चला वोह कर गया टोना
  • http://lh3.ggpht.com/_404ckE8WPeI/Sn2mzQq4liI/AAAAAAAAAVA/u-Cr4ftrT...
    बलिहारी जाऊ मेरी छोड़ गगरी
    श्याम सांवरे मेरी छोड़ गगरी
    इस गगरी में जल भर लाऊ
    ठाकुर के मैं चरण धुआऊं
    खाने को दू मैं प्यारी रबडी
    इस गगरी में ढूध भर लाऊ
    प्रेम से श्याम को भोग लगाऊ
    मोहे प्यारी लागे तेरी गोकुल नगरी
    इस गगरी में माखन भरुंगी
    श्याम के आगे जाके धरुँगी
    वृन्दावन धाम हैं प्यारी नगरी
    'हरिदासी' बृजराज कन्हैया
    नाचत निधिवन थैया थैया
    चरणों में रहे तेरी प्रेम पगली
  • http://lh3.ggpht.com/_404ckE8WPeI/Sn2mzQq4liI/AAAAAAAAAVA/u-Cr4ftrT...
    बलिहारी जाऊ मेरी छोड़ गगरी
    श्याम सांवरे मेरी छोड़ गगरी
    इस गगरी में जल भर लाऊ
    ठाकुर के मैं चरण धुआऊं
    खाने को दू मैं प्यारी रबडी
    इस गगरी में ढूध भर लाऊ
    प्रेम से श्याम को भोग लगाऊ
    मोहे प्यारी लागे तेरी गोकुल नगरी
    इस गगरी में माखन भरुंगी
    श्याम के आगे जाके धरुँगी
    वृन्दावन धाम हैं प्यारी नगरी
    'हरिदासी' बृजराज कन्हैया
    नाचत निधिवन थैया थैया
    चरणों में रहे तेरी प्रेम पगली
  • http://www.chittorgarh.com/picturegallery/images/mira-Bai-1.jpg
    देखा जो आईना तेरा रूप झलका
    यह दर्शन तो चाहे प्रभु एक पल का
    समझ मैं गया हूँ मुझमे हैं मोहन
    कारन यही हैं के लिए बैठे दर्पण
    मिलो हमको जल्दी पता नहीं कल का
    हम में तुम्ही हो तू में हमी हैं
    तुम मुझमे हो तो मुझे क्या कमी हैं
    अपना ही जलवा सभी में हैं झलका
    'हरिदासी' ऐसा लगा हमको अब तो
    फूलों में देखा मैंने अपने रब को
    कण कण में होता हैं मालिक का खडका
    देखा जो आईना तेरा रूप झलका
  • http://lh3.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SnclZNsL-PI/AAAAAAAAAUY/6NjLPwO6v...
    मेरे श्याम तुम से यही प्राथना हैं
    हमे अपने चरणों का धोवन पिला दो
    गुनाहों की अग्नि जो हमको लगी हैं
    उन्हें नजरो से ही चन्दन बना दो
    तुम पे भरोसा हमारा जमा हैं
    मेरे लिए दिल को कोमल बना दो
    अगर प्यार बिन तुम मिलते नहीं हो
    तो मेरे दिल में भी नेह जगा दो
    देखो पपीहा पिय को पुकारें
    कोई तो मेरा प्रियतम मिला दो
    'हरिदासी' करना न लेखा व जोखा
    मुझे अपने चरणों का सेवक बना लो
  • http://lh4.ggpht.com/_404ckE8WPeI/SnLjtpPDsyI/AAAAAAAAATo/bTB28L1RL...
    निगाहों में यूँ बात होने लगी
    प्यार की ही बरसात होने लगी
    मेरे होंठो पे बसा श्याम ही श्याम हैं
    कैसे कह दूँ? उन्ही से हमे काम हैं
    अब उन्ही से मुलाकात होने लगी
    छवि मोहन की नैनो में हैं बस गयी
    आँखों में राधारानी हैं सज गयी
    हर पल उनसे ही बात होने लगी
    'हरिदासी' हैं उल्फत तो वोह पास हैं
    प्यार से मिलता मोहन यही राज हैं
    दीखता कण कण में, अब बात होने लगी
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