क्या कभी आपके मन में ये प्रश्न आए हैं, "मैं कौन हूँ?, "मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है?", "अच्छे लोगो के साथ बुरा क्यों होता है?", "मैं नित्य प्रसन्न क्यों नहीं रह पाता?"
हमारा एकमात्र उद्देश्य, आध्यात्मिक परामर्श के माध्यम से आपके इस दिव्य आनंद के खोज में सहायता प्रदान करना है ।
श्रील प्रभुपाद कहते हैं: भौतिक संसार ' दुःखालयम शाश्वतम् ' है - यह एक जेल की तरह है।" इस प्रकार मानव जीवन इस भौतिक जंजाल से बचने के लिए एक सही अवसर है । इसलिए, ई - परामर्श के माध्यम से , हम भौतिक प्रकृति के तीन गुणों यानी सत्व, रजस एवं तमस को पार करने में आपका मार्गदर्शन करेंगे । इसके अलावा हम यह आशा करते हैं की ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता के अंधकार को दूर करें एवं भक्तों को सशक्त करें ताकि वे शाश्वत आनंद का अनुभव कर सकें ।
हमारा उद्देश्य:
१) आपके सभी आध्यात्मिक शंकाओं, प्रश्नों और दैनिक चुनौतियों का समाधान
२) भगवान के लिए अपने मूल प्रेम को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया में आपकी सहायता
३) जन्म-मृत्यु के अंतहीन चक्र से बाहर निकलने के पथ पर आपका मार्गदर्शन
३) आपका सम्पूर्ण मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करना
४) भौतिक क्लेशों के प्रभाव से आपकी आध्यात्मिक चेतना का उत्थान और हृदय को शुद्ध करना
५) व्यावहारिक ज्ञान को वितरित करना जिससे प्रत्येक सदस्य को भगवद्धाम वापस जाने के लिए बराबर का अवसर प्राप्त हो
संपर्क: राधा रसिकराज दास (IDT E-सलाहकार)
आध्यात्मिक योग्यताएं: | भौतिक शिक्षा योग्यताएं: |
श्रील प्रभुपाद के मिशन में गत १८ वर्षों से सेवारत परम पूज्य भक्ति विकास स्वामी से गुरु पादाश्रय (दीक्षा: २००४) इस्कॉन वृन्दावन, नॉएडा एवं सेलम में ब्रह्मचारी प्रशिक्षण भक्ति-शास्त्री प्रशिक्षण (प्रगति पर) |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग (दिल्ली)
बी सी ए (इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी)
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+91-9987 94 94 94 |
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