हरे कृष्ण....!!
किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व यह समझना अति आवश्यक है कि वह कार्य हम क्यों करने जा रहे हैं. अतः इससे पहले कि कोई श्री कृष्ण के विषय में जाने, समझे, विचारे, यह अत्यधिक आवश्यक है कि हम श्री कृष्ण के विषय में क्यों जानना चाहते हैं? कौन हैं कृष्ण? कृष्ण के विषय में ही क्यों जानना है? कृष्ण ही क्यों मददगार हैं?
तो जब हम कृष्ण की बात करते हैं, तो सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि हम कृष्ण के विषय में क्यों जाने....!!
कृष्ण का अर्थ है सर्वाकर्शक....!!!
तो कृष्ण हैं सर्व-आकर्षक. जिसमें सर्वाधिक आकर्षण है, वे ही कृष्ण हैं. इसका प्रमाण देने के पूर्व यह जानना आवश्यक है कि हमें इससे क्या मतलब कि कृष्ण सर्वाधिक आकर्षक हों? इसका सीधा उत्तर है कि यह मनुष्य जीवन का लक्ष्य ही है आकर्षण के पीछे भागना...!! हम खाना वो खाना पसंद करते हैं, जो अत्यधिक स्वादिष्ट हो, क्यों? क्योंकि स्वादिष्ट व्यंजन हमें आकर्षित करता है. हम वह वस्त्र पेहेनना पसंद करते हैं, जिससे हम आकर्षक दिखें....!! लोग हमें देख कर खुश हों, उन्हें हमारे वस्त्र आकर्षक लगें....!! हम वहां जाना पसंद करते हैं जहाँ से हम आकर्षित हों....!! जिस जगह पर अधिक आकर्षण होता है, हर व्यक्ति वहीँ जाना पसंद करता है. इस जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं वह केवल आकर्षित होकर करते हैं, चाहे जो भी कर्म करें, उस कर्म में आकर्षण अवश्य होता है.....!!
इसलिए कृष्ण हैं सर्वाधिक आकर्षक. तो हमारे सम्पूर्ण आकर्षण का केंद्र भी कृष्ण ही होने चाहिए.
बच्चा पहले साइकिल के प्रति आकर्षक होता है, फिर बड़ा होता है तो उसे स्कूटी/बाइक के प्रति आकर्षण होता है, उसके बाद कार, फिर और मेहेंगी कार, फिर और किसी मेहेंगे और अधिक आकर्षक वाहन के प्रति आकर्षण उत्पन्न होता है. अर्थात यह स्पष्ट है कि हमारी आकर्षण कि प्रवृत्ति है जो कभी शांत नहीं होती. चाहे हम जो कुछ भी पा लें, परन्तु हमारी इच्छा और भी आकर्षक वस्तु को पाने की होती ही है. इसलिए ही कृष्ण को समझना, उनके विषय में जानना आवश्यक है. क्योंकि हमारी आकर्षण की भूख को केवल कृष्ण ही शांत कर सकते हैं. क्योंकि श्री कृष्ण सर्व-आकर्षक हैं, इसलिए यदि हमारा मन, ह्रदय, बुद्धि, कर्म केवल कृष्ण के प्रति आकर्षित होंगे, तो हमारे अन्य वस्तुओं से आकर्षण की भूख स्वतः शांत हो जाएगी. इसलिए कृष्ण को जानना, उनके विषय में पढना-सुनना इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमें अपनी आकर्षण कि भूख शांत करनी है और वह भूख केवल कृष्ण ही शांत कर सकते हैं.....!!
हरे कृष्ण.....!!
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