अंतिम इच्छा

अंतिम इच्छा
----------------

उस रात
खोया था जब मै अपने मे
श्रीहरी आये मेरे सपने मे
पूछा
वत्स......
इच्छा क्या है तुम्हारी ?
नासमझ था
सोचा
सोचकर बताऊंगा
जल्दबाजी मे
गलत चीज
पा जाऊंगा
बोला
थोडा समय दीजिये प्रभु
श्रीहरी बोले
तथास्तु..........
उनके थोड़े समय में
मेरे कई जीवन निकल गए
जब तक गलती का आभास हुआ
राह से पैर फिसल गए
जय हो श्रीला प्रभुपाद
चखाया कृष्ण नाम का स्वाद
अब फिर से मेरी कोशिश है
की जब
श्रीहरी आये मेरे सपने मे
पाए मुझे
हरिंनाम जपने मे

E-mail me when people leave their comments –

You need to be a member of ISKCON Desire Tree | IDT to add comments!

Join ISKCON Desire Tree | IDT

Comments

  • हरि बोल !!!
  • Hari Bol! Jai Shrila Prabhupada
  • HARE kRSNA
    PAMHO,AGTSP,AGTGD
    Dandwats pranam Prabhuji,

    Best necter in form of kavita you posted .....beauitifull

    yhs
    CANDRAVADANA GIRIDHARI DAS
  • wow lovely poetry i didnt kw you are a poet too keep it up
This reply was deleted.